MERI FASAL MERA BYORA

 

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किसान भाइयों ध्यान दें: 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर पंजीकरण क्यों है ज़रूरी और इसके 8 बड़े फायदे

हरियाणा के किसान भाइयों से अपील: समय रहते अपनी फसल का ब्यौरा ज़रूर दर्ज कराएं!

प्रिय किसान भाइयों,

हरियाणा सरकार द्वारा शुरू किया गया 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल आपकी खेती से जुड़ी हर समस्या का एक समाधान है। यह एक ऐसा मंच है जो आपकी मेहनत को सही पहचान दिलाता है और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे आप तक पहुँचाता है।

आप सभी से अनुरोध है कि समय रहते इस पोर्टल पर अपनी फसल का पंजीकरण ज़रूर करवाएं। इससे न केवल आपको कई फायदे मिलेंगे, बल्कि सरकार को भी किसानों की वास्तविक स्थिति और उनकी ज़रूरतों को समझने में मदद मिलेगी।

आइए, विस्तार से जानते हैं कि 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पर पंजीकरण क्यों इतना महत्वपूर्ण है।


पंजीकरण के 8 बड़े फायदे जो हर किसान को जानना चाहिए:

यहाँ वे 8 मुख्य कारण दिए गए हैं जो बताते हैं कि क्यों यह पोर्टल आपके लिए इतना ज़रूरी है:

  1. सरकारी रेट (MSP) पर फसल बेचना: फसल पंजीकरण के बिना आप अपनी उपज को सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नहीं बेच पाएंगे। यह पंजीकरण सुनिश्चित करता है कि आपकी फसल का सही दाम आपको मिले।

  2. कृषि यंत्रों पर सब्सिडी: सरकार आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देती है। अगर आप इस सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं, तो फसल का ब्यौरा दर्ज कराना अनिवार्य है।

  3. फसल नुकसान पर मुआवज़ा: प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, सूखा या ओलावृष्टि से फसल को नुकसान होने पर, क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दावा करने के लिए 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' में पंजीकरण होना ज़रूरी है। यह आपके नुकसान की भरपाई का पहला कदम है।

  4. कपास की खेती को बढ़ावा: कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए यह खास तौर पर फायदेमंद है। सरकार प्रति एकड़ अधिकतम ₹2000 तक का अनुदान पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए देती है, जिसके लिए पंजीकरण होना ज़रूरी है।

  5. देसी गाय और प्राकृतिक खेती पर अनुदान: यदि आप देसी गाय पालकर या प्राकृतिक तरीके से खेती कर रहे हैं, तो सरकार आपको इसके लिए विशेष अनुदान देती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए भी फसल पंजीकरण आवश्यक है।

  6. मुआवज़ा / बीमा क्लेम प्राप्त करना: फसल बीमा योजना का क्लेम लेने के लिए भी यह पंजीकरण महत्वपूर्ण है। यह आपके फसल के नुकसान की पुष्टि करता है और बीमा कंपनी को सही जानकारी देता है।

  7. 'मेरा पानी मेरी विरासत' स्कीम: जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सरकार 'मेरा पानी मेरी विरासत' स्कीम के तहत धान की जगह अन्य फसल उगाने पर सहायता राशि देती है। यह राशि पाने के लिए भी पंजीकरण कराना ज़रूरी है।

  8. खाद और यूरिया की उपलब्धता: सबसे ज़रूरी बात यह है कि सरकारी रेट पर खाद (जैसे यूरिया और DAP) लेने के लिए भी फसल पंजीकरण होना अनिवार्य है। यह सुनिश्चित करता है कि खाद सही किसान तक पहुँचे और काला बाजारी रुके।


पंजीकरण कैसे करें? (पूरी प्रक्रिया)

पंजीकरण की प्रक्रिया बहुत ही सरल है:

  1. सबसे पहले, fasal.haryana.gov.in की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

  2. 'किसान पंजीकरण' विकल्प चुनें।

  3. अपना आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर डालें।

  4. अपनी ज़मीन का ब्यौरा (खसरा नंबर, किला नंबर) और बैंक खाते की जानकारी भरें।

  5. जिस फसल की आप खेती कर रहे हैं, उसकी जानकारी (फसल का नाम, बुवाई का समय) दर्ज करें।

  6. सभी जानकारी की जाँच करें और सबमिट करें।

अगर आप खुद से पंजीकरण नहीं कर पा रहे हैं, तो आप अपने नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर भी सहायता ले सकते हैं।

निष्कर्ष:

'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल हरियाणा के किसानों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है। यह न केवल सरकार और किसान के बीच की दूरी को कम करता है, बल्कि आपको अपनी मेहनत का सही फल पाने का अधिकार भी देता है। इसलिए, बिना देर किए आज ही अपनी फसल का ब्यौरा दर्ज कराएं और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं।

याद रखें, पंजीकरण ही आपकी फसल की सुरक्षा और समृद्धि का पहला कदम है!

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